लेखनी कविता -20-Aug-2024
शीर्षक - सुबह-सुबह
सुबह की ठंडी हवाएं ऊर्जा देती हैं। हमारे तन मन को सुकून देती हैं। हम जीवन में धन की सोच रखते हैं। पवन चक्कियां हमें संदेश देती हैं। जीवन में सब झूठ फरेब होते हैं। शरीर और सांसों के खेल रहते हैं। प्रेम प्यार इश्क मोहब्बत नाम हैं। आज हम धन और शारीरिक होते हैं। सच सुबह-सुबह का बस जिंदगी देता हैं। सूरज अपने प्रकाश से प्रकृति बनाता हैं। हम मानव बस छल फरेब धोखा देते हैं। नश्वर शरीर को हम समझ कहां पाते हैं। सुबह हम सभी अपने जीवन को जीते हैं। ठंडी हवा और पवन ऊर्जा कहतीं हैं। जीवन का अनमोल शरीर स्वस्थ होता हैं।
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
Arti khamborkar
21-Sep-2024 08:53 AM
v nice
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